Thursday 8 February 2024

Daily 2024 Mystery of Life- New latest Story updates

 Ch -"जीवन एक रहस्य"

 "दोस्तो ये कहानी नहीं बल्कि आपके जीवन से जुड़े रहस्यों के बारे में है...! आपको अपने जीवन में "Grow" कैसे करना है# तो शुरू करते हैं पहले आपके स्वभाव के बारे में"...!!✔️ 



जीव का उत्पन्न होना और जीव की उत्पत्ति के कारण जानना एक बड़ा ही रहस्यमय आध्यात्मिक विज्ञान है। यह ऐसा विज्ञान है जिसे अनादिकाल से लोग समझने का प्रयत्‍‌न करते रहे हैं। जितना इस रहस्य को जानने का प्रयत्‍‌न किया जाता है उतना ही इसका रहस्य और गहन अंधकार की तरह रहस्यमय बन जाता है

यह बड़ा ही रहस्यमयी संसार है इसमें कोई अपना नहीं है जो अपने साथ है वही सिर्फ अपना है.... जिसने तुम्हें छोड़ दिया तुम उसे छोड़ दो, और अस्तित्व में अपना हेतु लगाओ वही अपना है वही सत्य है, संसार सत्य नहीं है और जो सत्य नहीं है शाश्वत नहीं है वह अपना हो ही कैसे सकता है ईश्वर सत्य है और शाश्वत है...!! यहां प्रेम नहीं है यहां स्वार्थ है लोभ है लालच है.... यहां जिस चीज का जितना जितना स्वार्थ है उतना उतना ही प्रेम करने का नाटक है और कलयुग का प्रभाव तो इस नाटक में सर चढ़कर बोलने लगा है...#

 


 1."हम परिवर्तन के समय में हैं"...! 

पृथ्वी परिवर्तन के दौर से गुजर रही है जिस पृथ्वी को आज आप देख रहे हैं निकट भविष्य में वो वेसी मैजूद नहीं रहेगी।


नयी पृथ्वी पर हम २०२४ में अप्रत्याशित घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं की एक श्रृंखला देख रहे हैं जो हमें हर पल और दुनिया भर में आश्चर्यचकित करती हैं ... 


 


निस्संदेह, पृथ्वी परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।और ये परिवर्तन तेज गति से हो रहे हैं और वे अधिक अप्रत्याशित हो रहे हैं।


 


कभी-कभी ऐसा लगता है कि मौसम पागल हो गया है ... सूखा, उसके बाद बाढ़।और अचानक गर्मी की लहरें .दिन के दौरान गर्मी की गर्मी, रात में सर्दी ठंड ...इस बीच हम फसल और कृषि उत्पादन खो रहे हैं।


 


इसके अलावा भूकंपीय गतिविधि, जिसमें अब केवल पैसिफिक रिंग ऑफ फायर शामिल नहीं है… यूरोप में भी…और अटलांटिक तटों पर भी।


 


भूकंपीय प्रभाव के कारण आने वाली सूनामी की उत्पत्ति बढ़ती जा रही है... और ज्वालामुखी भी जाग उठे हैं... यह है कि पूरी Electronic Plato उनके लंगर बिंदु,या निर्धारण,और वे खींच रहे हैं,और वे आगे बढ़ रहे हैं ...


 


और कई देश कर्ज में डूब जाते हैं, उन ऋणों का अनुबंध करते हैं जो वे कभी भी भुगतान करने में सक्षम नहीं होंगे,और समझ से बाहर युद्ध हैं, क्षेत्रों के लिए विवाद में, या सामरिक संसाधन के लिए...


 


और इस बीच निबिरू दिन-ब-दिन पृथ्वी के पास पहुंचता है, कठोर रूप से ... सर्वशक्तिमान का सैनिक पृथ्वी को घेर रहा है, रक्षाहीन पृथ्वी ग्रह कुछ भी नहीं कर सकती ...


 


यह सब कहाँ ले जा रहा है...?


सब कुछ एक चरमोत्कर्ष की ओर जाएगा...!


 


 


2."ध्यान एक शक्ति"


जिन्होंने सत्य को जितनी अधिक कठिनता से पाया या जाना उसने यही अनुभव किया, के सत्य को जानना या प्राप्त करना तो अतिसरल है!


 


और उन्होंने वैसा ही अभिव्यक्त भी किया!फिर लोग इतने अनभिज्ञ कैसे हैं सत्य से?


 


इसका कारण यह है के आजका मनुष्य इतने क्रूर एवं कठोर प्रवृत्ती का हो गया है!


 


के जबतक इससे कठोर परिश्रम वाले साधन भजन व उपाय न बताओ, तबतक इन्हें लगता ही नहीं के यह सत्य के पथिक हैं या सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं!


 


सो जिन्होंने सत्य को जितनी सरलता से पाया,उन्होंने अनुभव किया के सत्य को जानना तो बहुत कठिन है!कठोर है!


 


इसलिए उन्होंने अन्य लोगों को वैसा ही मार्ग बताया,जो के कठोर व कष्टदायी प्रतीत होता है!और जिसे मानकर बहुत लोग साधना करने तो लगते हैं,किन्तु पहुँचते कभी भी नहीं!


 


और बहुत से लोग तो कठिन साधनाओं का नाम सुनकर ही निराश व हताश हो जाते हैं!इसलिए सभी के लिए भिन्न भिन्न साधनाएँ हैं!


 


इस संस्कृति में,ताकि कोई भी निराश व हताश होकर न बैठ जाये, के मैं कैसे आत्मकल्याण कर सकता हुँ?


 


किन्तु अविद्या माया की महिमा देखो के इतने पथ व मार्ग होने पर भी लोग मुक्ति व मोक्ष से दूर भागते ही रहते हैं!जबकि जबतक सम्पूर्ण मायिक विचारों से मुक्त नहीं होते!


 


तबतक मोह का क्षय नहीं होता है,और जबतक मोह का क्षय नहीं होता,तबतक पूर्णत: संग्रहण स्थान अर्थात चित्त की वृत्तियाँ रिक्त भी नहीं होती हैं


 


जबकि वस्तुत: सभी जीव सदा मुक्त ही हैं!


 


क्योंकि बन्धन व मोक्ष दोनों की ही सत्ता वास्तविक नहीं है!!


 


3."सत्य को जाने"


विज्ञानं के अनुसार दुनियाँ में जितने भी विषय- वस्तुएं हैं सब ऊर्जा का ही एक रूप है , धरती आकाश ग्रह मनुष्य जीव जंतु पेड़ पक्षी आदि आदि ! इन सब चीज़ो में ऊर्जा की डेंसिटी अलग-अलग होती है , जिस कारण हमें सारी वस्तुओं में भेद नज़र आता है ! इसी के साथ आप जिसे पाना चाहते हो वो भी एक "ऊर्जा" (शक्ति) ही है , बस वो एक अलग रूप और रंग में है ! इसके अलावा विचार भी ऊर्जा का ही एक रूप होते हैं ! इन सब में ऊर्जा होने के साथ-साथ इनकी एक निश्चित फ्रीक्वेंषी भी होती है !


 


"" यही कारण है कि जब हम किसी लक्ष्य को पाना चाहते हैं , उसके लिए परिश्रम करते हैं तो उस चीज की फ्रीक्वेंषी ब्रह्माण्ड में चली जाती है और उस वस्तु को लेकर हमारे जीवन में प्रकट हो जाती है,, तो ये सब कुछ ऊर्जा पर निर्भर करता है !


इसलिए यदि परिश्रम लगन पूर्णनिष्ठा के साथ किसी कार्य को किया जाए तो वह कार्य या विचार की फ्रीक्वेंषी ब्रह्माण्ड में जाएगी और उस वस्तु को लेकर प्रकट हो जाएगी ! """


 


इसलिए किसी भी कार्य को कभी भी नेगेटिव माइंडसेट के साथ नहीं करना चाहिए !! क्योंकि इससे नेगेटिव फ्रीक्वेंषी जाएगी और जीवन में नकारात्मकता का सांम्राज्य स्थापित हो जायेगा ! आज का वर्तमान समाज नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव से ग्रसित है , स्वयं को हमेशा ऐसे विचारों और लोगों के निकट रखना चाहिए जो पॉजिटिव रहते हो ताकि परिश्रम करने में कोई कमी न छूटे !


 


4."भ्रम से परम ब्रह्म की यात्रा"


भ्रम त्यागकर ईश्वर की दृष्टि से देखो तो ईश्वर ही जन्मता है, ईश्वर ही मरता है,ईश्वर ही जीवन को जीता है!


क्यों? क्योंकि ईश्वर ही समस्त भूतों के हृदय में स्थित सबका आत्मा है!


और ईश्वर ही समस्त भूतों का आदि अर्थात जन्म अर्थात भूतकाल है!


मध्य अर्थात जीवन अर्थात वर्तमानकाल है!


और अन्त अर्थात मृत्यु अर्थात भविष्यकाल भी है!


इसलिए ईश्वर का मनमाना अर्थ न निकाला जाये तो अच्छा है!


क्यों? क्योंकि पहले स्वयं ईश्वर से एकरुप होकर जीव जगत के साथ साथ स्वयं का भी, अभिन्न व भिन्न दोनों प्रकार से अनुभव करें,


 हर प्रकार से ईश्वर के लीलाओं को अनुभव करें उसे देखें,के कैसे कर्ता भर्ता, व भोक्ता न होने पर भी, वही सब करता है,वही सब भोक्ता है!वही सबका भर्ता है!


सबका कर्ता ,भोक्ता व भर्ता होकर भी वह किस ज्ञान के आधार पर न किसी का कर्ता है,न भोक्ता है,ना ही भर्ता है!


अर्थात वह एैसी अवस्था में स्थित है,जिसे न तो कर्तापन स्पर्श करता है,ना ही भोक्तापन और ना ही भर्तापन ही स्पर्श कर पाता है!ना ही कभी भी कर सकता है!


पर क्यों व कैसे? वह एैसे के उस सच्चिदानंदघन परब्रह्मँ परमात्मा या ईश्वर के अतिरिक्त दूसरा कोई है कहाँ?


यदि किसी को कभी कोई दूसरा मिल जाये तो वह हमें भी बताये,हम भी मान लेंगे के हाँ ईश्वर एक नहीं अनेक है!


पर एैसा संभव नहीं है क्योंकि जैसे मणियों की मालाओं में बहुत से छोटे बडे़ व कम अधिक या बहुमुल्य मणि माणिक्य हो सकते हैं,पर जैसे समस्त मणि माणिक्यों को पिरोने वाला धागा एक ही होता है, अनेक नहीं!


वैसे ही इस संसार रुपी बहुमुल्य एवं बडे़ छोटे मणि माणिक्यों की मालाओं का भी एक ही धागा है,जिसे चेतना कहते हैं,जिसे आत्मा कहते हैं,जिसे सच्चिदानंदघन ब्रह्मँ या ईश्वर कहते हैं!जो एक ही है!अनेक नहीं! 


किन्तु परमात्मा की महिमा यहीं तक सीमित नहीं है क्योंकि वह एक ही है,अनेक नहीं! यह कहने से भी अधिक उचित यह है के, वह एक होकर भी अनेक दिखते हैं,परन्तु अनेक होकर भी एक ही है!


वही ब्रह्माँ बनकर सृष्टि रचते हैं!शिव बनकर सृष्टि का संघार करते हैं!और स्वयं ही सबका पालन पोषण करते हैं!वह अलग विषय है के अहँकारी व अभिमानी दोनों ही उनकी इस महिमा को नहीं जान पाते!


क्योंकि अहँकारियों व अभिमानियों को भूतकाल व भविष्यकाल मिथ्या काल होते हुए भी, वर्तमान से अधिक सत्य व प्रिय लगते हैं!


किन्तु वर्तमान काल के निमिष मात्र के अतिरिक्त यह वर्तमान भी पूर्णत: मिथ्या और स्वप्नवत ही है!अर्थात क्षँणिक ही है!अस्थाई काल ही है!


क्योंकि काल की सीमा जहाँ तक है,वहाँ तक माया का ही राज है!और हरि:लक्ष्मीनारायण वहाँ भी हैं,अर्थात उस अवस्था में हैं,जहाँ काल व माया की न तो सीमा है,न ही इनका वहाँ राज है!


वहाँ समस्त लोकपालों, दिग्पालों, रुद्रों, आदित्यों, वशुओं,किन्नरों,नागों,गंधर्वों,देवी देवताओं, और भूतों की माया व शक्ति आदि की भी काल सीमा व राज सीमा समाप्त हो जाती है!!


 


5."ब्रह्माण्ड का कथन"


हमारे #शास्त्रों में

एक #वाक्य है- *"शिवम् #ज्ञानम्"*


#इसका अर्थ है....


"शिव" ही #ज्ञान है

और "#ज्ञान" ही शिव है....


*"शिव"* के #दर्शन में ही

"#ब्रह्मांण्ड" का "#सर्वोच्च" दर्शन है.....💝🙏


       #हर_हर_महादेव.⛳💝🙏

@everyone...🌠


 

दोस्तो आगे भी हम आपके जीवन से जुड़े रहस्यों की बातें खोजकर लाएंगे, तब तक के लिए हमें "follow" करें...!


thank you all very much...🙏🖤✍️ 

 

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U19 Cricket World CupThe Indian Express Pakistan vs Australia Live Score, U19 World Cup 2024 Semi-Final: Ali Raza’s 4-wicket haul in vain as AUS defeat PAK by 1 wicket, will meet IND in the final2 hours ago - Hindustan Times latest news 2024

Named after Tendulkar, India's U19 World Cup hero Sachin Dhas is a Virat Kohli fan

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Named after Master Blaster Sachin Tendulkar, Sachin Dhas smashed 96 off 95 balls against South Africa in the U-19 World Cup semi-final.

The Indian Express Pakistan vs Australia Live Score, U19 World Cup 2024 Semi-Final: Ali Raza’s 4-wicket haul in vain as AUS defeat PAK by 1 wicket, will meet IND in the final 2 hours ago


Named after Master Blaster Sachin Tendulkar, youngster Sachin Dhas played a splendid knock to ensure Team India recovered from a top-order collapse in the first semi-final against South Africa at the U-19 World Cup 2024 on Tuesday. Uday Saharan and Dhas played stroke-filled knocks in Team India's thrilling two-wicket win over the hosts at Benoni. Rescuing India from a precarious 32 for four, the batting duo stitched a match-winning stand of 171 runs for the fifth wicket.
Australia edge out Pakistan by one wicket, to face India in U19 World Cup final



Australia edge out Pakistan by one wicket, to face India in U19 World Cup final


The summit clash will be played at the same venue on Sunday.

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Pakistan made a below par 179, built around two half-centuries by Arafat Minhas (52) and Azan Awais (52) as they struggled against pacer Straker (6/24).

Despite having their own struggles against spirited Pakistan bowlers, the Aussies managed to reach 181 for 9 in 49.1 overs to seal the final berth with Dixon (50, 75b, 5x4) and Oliver Peake (49, 75b, 3x4) leading their chase.

US drone Strike

After US drone strike killed pro-Iran commander, Iraq slams Washington.html?utm_source=whatsapp&utm_medium=social&utm_campaign=ht_site



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While India will be playing their ninth title match, the Aussies are appearing in their sixth final.

India have won a record five titles while Australia have bagged three titles, and the last time the Yellow Brigade lifted the trophy was in 2010 with a win over Pakistan. That edition was held in New Zealand.


A rising India's energy future...

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